रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की केंद्रीय समिति की महत्वपूर्ण बैठक आज रांची में आयोजित की गई। बैठक में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कर्मठ कार्यकर्ताओं के साथ भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने संगठन की मजबूती, आगामी राजनीतिक रणनीति, और घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में हेमंत सोरेन ने झामुमो के संस्थापक एवं आदिवासी अस्मिता के प्रतीक दिशोम गुरुजी शिबू सोरेन को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा,
“केंद्रीय समिति की पूर्व की सभी बैठकों में दिशोम गुरुजी की उपस्थिति झामुमो परिवार के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है। उनका सान्निध्य हमारे लिए संबल था, हमारा साहस था। आज भले ही हम उनके आशीर्वचन नहीं सुन पा रहे हैं, लेकिन उनका दिखाया हुआ रास्ता हमें सदैव संघर्ष के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झामुमो की राजनीति केवल सत्ता प्राप्ति का साधन नहीं, बल्कि जनआंदोलन की विरासत है। यह पार्टी आदिवासी, दलित, पिछड़ों, किसानों और मजदूरों की आवाज़ है, जिसने दशकों से झारखंड के हक़-हकूक की लड़ाई लड़ी है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे संगठन के सिद्धांतों और गुरुजी के आदर्शों पर चलते हुए जनता के बीच मजबूती से काम करें।
बैठक में हेमंत सोरेन ने आगामी घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार की घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि झामुमो ने घाटशिला से महान आंदोलनकारी और जननायक स्वर्गीय रामदास दा के बड़े बेटे, मेहनतकश और युवा नेता सोमेश सोरेन को उम्मीदवार बनाया है।
हेमंत सोरेन ने कहा,
“जैसे घाटशिला की जनता ने रिकॉर्ड मतों से स्वर्गीय रामदास दा को अपना आशीर्वाद दिया था, मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस उपचुनाव में भी जनता उसी स्नेह और विश्वास के साथ सोमेश सोरेन को विजयश्री दिलाएगी।”
उन्होंने आगे कहा कि झामुमो का संघर्ष हमेशा जनहित और झारखंड की अस्मिता की रक्षा के लिए रहा है। पार्टी ने हमेशा राज्य के गरीबों, वंचितों और शोषितों की आवाज़ उठाई है, और आगे भी जनता के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बैठक में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, केंद्रीय समिति के सदस्य, जिलाध्यक्ष और विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने आगामी चुनावों को लेकर एकजुटता और समर्पण की भावना के साथ कार्य करने का संकल्प लिया।
झामुमो की यह बैठक राज्य की राजनीति के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे न केवल संगठन की दिशा तय होगी, बल्कि आगामी उपचुनाव में पार्टी की रणनीति को भी नई गति मिलेगी।

