खूंटी । रोमन कैथोलिक चर्च के पोप फ्रांसिस का सोमवार को रोम के स्थानीय समयानुसार सुबह 7.35 बजे निधन हो गया। 88 वर्ष की आयु में उनके निधन पर खूँटी में रोमन कैथोलिक समुदाय सहित पूरे इसाई समुदाय के लोग शोकाकुल हैं। वहीं खूँटी के विशप विनय कण्डुलना, फादर विशु बेंजामिन आईंद आदि अनेक लोगों ने भी शोक संवेदना जताई है। विशप विनय कण्डुलना ने कहा कि पोप फ्रांसिस का व्यक्तित्व सरल स्वभाव, मृदुभाषी व अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहनेवाले समाज को दिशा देने हेतु समर्पित थे। जिन्होंने पढ़ाई पूरी करने के पश्चात् समाज के लिए अपने आपको प्रभु के नाम समर्पित कर दिया। फा विशु बेंजामिन आईंद ने बताया कि पोप फ्रांसिस ने जाति धर्म के बंधन से ऊपर उठकर धार्मिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किया। साथ ही पोप ने अपने कार्यकाल में कैथोलिक चर्च में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने चर्च में सुधार को बढ़ावा दिया। इसके तहत वेटिकन में प्रशासनिक सुधार और भ्रष्टाचार से निपटने की पहल शामिल है। साथ ही गरीब और हाशिए में रह रहे लोगों की सेवा पर जोर दिया। इसके तहत गरीब, प्रवासी, शरणार्थी और अन्य दबे कुचले लोगों की सेवा पर जोर दिया। इन समूहों के प्रति चर्च की प्रतिबद्धता को सशक्त किया।
उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर पूरी मानव जाति को एकसमान देखते थे। सबको सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार को उन्होंने बढ़ावा दिया। सभी धर्मों को समान भाव से आदर देना और गरीबों, शोषितों, वंचितों के हक के लिए कार्य करने की उनकी प्राथमिकता रही है। इनके निधन पर , उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करने के लिए प्रार्थना की।