एनजीटी के बावजूद बालू के अवैध कारोबार का हब बना कर्रा प्रखण्ड

रांची । जरियागढ़ थाना क्षेत्र के कारो नदी से माफियाओं को बालू से प्रतिदिन लाखों रुपए की आमदनी होता है। लेकिन भयभीत जनता इसके विरुद्ध बोलने से भी डर रही है। उनका मानना है कि इतना बड़ा तस्करी बिना मिलीभगत का हो नहीं सकता तो निरीह जन दुखित होने के अलावा और क्या कर सकते हैं। ये सभी जरिया वन क्षेत्र के अंतर्गत बहनेवाली कारो नदी के लापा मोरहाटोली, मुरुचकेल क्षेत्र तथा कौवा खाप जंगल के बीच बहता नदी पर से बालू के अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। कर्रा थाना व जरिया गढ़ थाना के सामने से प्रतिदिन रात को दो सौ से अधिक वाहन बालू ढुलाई का काम करते हैं। जिसे वाहन मालिकों द्वारा रेकी भी किया जाता है। जगह जगह वाहन मालिक जमे रहते हैं। ताकि किसी प्रकार का खतरा महसूस हो तो सावधान हो जाएंगे। झारखण्ड सरकार ने बालू पर एनजीटी लगाया हुआ है लेकिन यह मात्र फाईलों व वेबसाइट में ही मात्र सिमट कर रह गया है। लेकिन कोई व्यक्ति अबुआ आवास के लिए बालू उठाव कर लें तो उसके उपर केस व जुर्माना लगा दिया जाता है। परंतु माफियाओं द्वारा बेधड़क थाना गेट के सामने से हाईवा परिचालन होता है। जबकि लगातार समाचार में यह मामला आ रहा है लेकिन सरकार मौन और प्रशासन आँख बंद करके रखी हुई है। जिस प्रकार जलस्तर नीचे जा रहा है जिसका नतीजा भविष्य में परेशानी का सबब बन जाएगा। जो कि फिर से पानी बचाव के नाम पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च करेगी। वनरोपण पर खर्च करेगी लेकिन तब तक अन्य नदियों की भांति कारो नदी का भी आस्तित्व समाप्त हो जाएगा। 

पिछली बार जेएमएम की सरकार में बाहर के लोगों को बालू ठीका दिए जाने वाली बात काफी जोर शोर से उठी थी और बालू मामले में  ही सरकार बदनाम हुई थी। और इस बार भी बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जिसपर कोई लगाम नहीं है। एक तरफ सरकार एनजीटी लगाती है तो बेखौफ बालू कारोबारी अपना काम करने में लगे हुए हैं।

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