राजमहल: विधायक मो. ताजुद्दीन उर्फ एम.टी. राजा ने झारखंड के जननायक, अभिभावक एवं दिशोम गुरु परम श्रद्धेय शिबू सोरेन जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि गुरुजी उनके आदर्श और मार्गदर्शक रहे हैं, यह उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है।विधायक ने कहा गुरुजी का राजमहल के प्रति अत्यधिक लगाव था। उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन से ही हम जैसे युवाओं को राजनीति में आने और जनता की सेवा का अवसर मिला। एक सामान्य कार्यकर्ता को विधानसभा के सदन तक पहुंचाने की प्रेरणा मुझे गुरुजी से मिली। जल, जंगल और जमीन के संरक्षण की लड़ाई लड़ने वाले तथा झारखंड को अलग पहचान दिलाने वाले इस जननायक का हम सभी के बीच से जाना अपूर्णीय क्षति है।”
उन्होंने आगे कहा कि झारखंड सहित पूरे देश ने अपना अभिभावक और मार्गदर्शक खो दिया है। गुरुजी के झारखंड निर्माण के सपनों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं और आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक व पिछड़े समाज की आवाज को मजबूती से उठा रहे हैं।हम सभी पार्टी के सिपाही, हेमंत सोरेन जी के साथ मजबूती से खड़े हैं और गुरुजी के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।”राजमहल से जुड़े संस्मरण साझा करते हुए विधायक ने कहा कि गुरुजी माघी पूर्णिमा के अवसर पर उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान और पूजन करते, साफाहोड़ आदिवासियों के पूजा अखाड़ा में धर्मगुरुओं एवं अनुयायियों से मिलकर उन्हें सम्मानित करते थे। सात्विक भोजन के प्रेमी गुरुजी गंगा स्नान के उपरांत दही-चूड़ा का सेवन करते थे।राजमहल के माघी पूर्णिमा मेले को राजकीय मेला घोषित कराने में भी गुरुजी की अहम भूमिका रही। विधायक ने बताया कि यह मांग उनके माध्यम से गुरुजी तक पहुंची थी, जिस पर उन्होंने तत्काल संज्ञान लेकर मेले को राजकीय दर्जा दिलाया।
