ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन ने 89वें त्रिमूर्ति शिव जयंती के अवसर पर बताया महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य

शिव के कलियुग के अंत और सतयुग के आदि से पूर्व वर्तमान संगमयुग पर किए गए दिव्य एवं आलौकिक कर्मों का यादगार पर्व है

खलारी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी पाठशाला डकरा सुभाष नगर में रविवार को महाशिवरात्रि के पूर्व 89वें त्रिमूर्ति शिव जयंती उत्सव मनाया गया।मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मधुकॉम कंपनी के उप-महाप्रबंधक आरसी तिवारी उपस्थित रहे।कार्यक्रम की शुरुआत मुरली सुनाकर और ब्रह्मा भोग लगाकर किया गया।तत्पश्चात कैंडल लाइटिंग कर दीप प्रज्वलित करते हुए केक काटा गया।साथ ही मुख्य अतिथि सहित सभी बीके बहन-भाइयों ने शिव ध्वज फहराया,ध्वज के नीचे सभी ने जीवन में ईश्वरीय ज्ञान को धारण करने की प्रतिज्ञा किया। कहा कि सदा शुभभावना और शुभकामना सभी के प्रति रहम और कल्याण की भावना रखेंगे।पाठशाला की नियमित ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन ने महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताया। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि का पर्व परमपिता परमात्मा शिव के कलियुग के अंत और सतयुग के आदि से पूर्व वर्तमान संगमयुग पर किए गए दिव्य एवं आलौकिक कर्मों का यादगार पर्व है।सृष्टि चक्र के अविनाशी ड्रामानुसार जब चारों ओर अधर्म, पापाचार, भ्रष्टाचार, अनाचार, कदाचार का तांडव नृत्य होने लगता है, प्रत्येक मनुष्य आत्मा पतित एवं विकारी बन जाती है तो परमात्मा शिव परमधाम से इस साकार लोक में अवतरित होकर ईश्वरीय ज्ञान और सहज राजयोग की शिक्षा देकर इस सृष्टि का पूर्ण परिवर्तन करा देते हैं। परमात्मा शिव को इस सृष्टि पर अवतरित हुए 89 वर्ष हो चुके हैं।वे सृष्टि के आदि-मध्य-अंत का रहस्य, कर्मों की गुह्य गति, कल्पवृक्ष, तीन लोक इत्यादि अध्यात्मिक सत्यों का उद्घाटन कर रहे हैं।इसलिए वे शिव भक्तगण परमात्मा शिव द्वारा दिए जा रहे ईश्वरीय ज्ञान से अपनी आत्मा में व्याप्त अज्ञानता और विकारों के अंधकार को सदा-सदा के लिए मिटा दो।भगवान शिव अमरभव का वरदान दे रहे हैं, इससे जन्म जन्मान्तर के लिए अपने जीवन का श्रृंगार कर लो।बीके अशोक मंडल भाई ने संक्षिप्त रूप में संस्था का दिया।तन्नू बहन, रुचि बहन, हनी बहन, परि बहन एवं गीता बहन ने सुन्दर नृत्य व गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन कमल भाई ने किया। मुख्य अतिथि सहित कई गणमान्य लोगों को ईश्वरीय सौगात भेट की गई। कार्यक्रम में उपस्थित सभी भाई-बहनों ने त्रिमूर्ति शिव जयंती के अवसर पर कहा कि हमें ईश्वर के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए।उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता से हमारे जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।

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