रिपोर्ट:- सुमन कुमार दत्ता/बिहान भारत डिजिटल
पाकुड़ : जिले में पिछले 6 महीनों से कालाजार के भीएल मामलों में कमी और पीकेडीएल के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। यह सफलता प्रोजेक्ट जागृति और प्रोजेक्ट विवेक के प्रभावी क्रियान्वयन का प्रत्यक्ष परिणाम है। उपायुक्त मनीष कुमार ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग, जनप्रतिनिधियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के समन्वित प्रयासों से यह उपलब्धि संभव हुई है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में हर महीने 24 तारीख को सभी प्रखंडों में रक्तदान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इसके अलावा लगभग 500 से अधिक टीवी पेशेंट को जिला प्रशासन के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा गोद लिया गया है, ताकि उन्हें नियमित देखभाल और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। सदर अस्पताल में पब्लिक फैसिलिटी सुधार और 15 से अधिक डॉक्टरों की भर्ती इस महीने के अंत तक की जाएगी। इसके साथ ही जिले ने राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र अंतर्गत फाइलेरिया उन्मूलन हेतु सर्वजन दवा सेवन कराने में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राज्य में द्वितीय स्थान हासिल किए हैं। उपायुक्त ने यह भी बताया कि पिछले एक वर्ष से जिले में कालाजार उन्मूलन हेतु नवाचार और अभिनव कार्यक्रम लागू किए गए हैं। इनमें 6 प्रमुख कार्यक्रम विशेष रूप से प्रभावी रहे और इन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस और वर्कशॉप, रेडिसन होटल रांची में देशभर के विशेषज्ञों के सामने प्रस्तुत किया गया।
उपायुक्त ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स, MPW, CHO और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की मेहनत से जिले में कालाजार के नए मामलों की संख्या लगातार घट रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष तक पाकुड़ जिले का कालाजार लोड 0.5% से नीचे आ जाएगा।
उपस्थित विशेषज्ञों और अन्य प्रतिनिधियों ने पाकुड़ जिले के मॉडल की सराहना की और इसे अन्य राज्यों में अपनाने की भी सिफारिश की। उपायुक्त ने यह उपलब्धि जनप्रतिनिधियों, स्वास्थ्य कर्मियों, पीएमयू सदस्य और सभी संबंधित अधिकारियों को समर्पित की और कहा कि अभी और भी कार्य करने की आवश्यकता है ताकि जिले की स्वास्थ्य प्रोफाइल और बेहतर बनाई जा सके। पाकुड़ जिला स्वास्थ्य विभाग लगातार नवाचार, मेहनत और समन्वय के माध्यम से कालाजार उन्मूलन और बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है

