कुलपति ने अंडरस्टैंडिंग इंडिया पुस्तक का लोकार्पण किया

अंडरस्टैंडिंग इंडिया पुस्तक सभी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए अति उपयोगी और प्रासंगिक : कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल

रांची : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति के द्वारा विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा ही संयुक्त तौर पर लिखी गई पुस्तक अंडरस्टैंडिंग इंडिया का कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य के द्वारा लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि यह पुस्तक सही मायनों में इस लिए काफी महत्वपूर्ण और उपयोगी हो जाती है क्योंकि न सिर्फ यह पुस्तक नई शिक्षा नीति के अंडरस्टैंडिंग इंडिया सिलेबस को हूबहू ध्यानगत करते हुए लिखी गई है, बल्कि इसके प्रत्येक खंडों का लेखन कार्य उस खंड विशेष के विषय से संबंधित विशेषज्ञ प्राध्यापकों के द्वारा किया गया है। यह इस बात से और अधिक प्रमाणित होती है कि कुल 5 इकाइयों या खंडों में विभाजित इस पुस्तक के लेखन कार्य में लगभग 15 विषय विशेषज्ञों ने पूरी तरह से राष्ट्रीय शिक्षा नीति , 2020 के अंतर्गत सेमेस्टर पद्धति पर आधारित चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के अंतर्गत अंडरस्टैंडिंग इंडिया के परीक्षा प्रारूप को ध्यानगत रखते हुए सामूहिक तौर पर लेखन कार्य किया। कुलपति ने इस पुस्तकें की अन्य एक प्रमुख विशेषता का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक अध्याय के अंत में उस अध्याय विशेष से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का संग्रह इसे अन्य पुस्तकों के समूह से अलग और विद्यार्थियों के लिए अधिक प्रासंगिक बनाती है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए अति उपयोगी और लाभकारी होगी और ऐसा मेरा विश्वास है कि यह पुस्तक इस विषय पर लिखी गई अन्य पुस्तकों से अलग हटकर विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होगी। गौरतलब है कि अंडरस्टैंडिंग इंडिया यानि भारत बोध पुस्तक के मुख्य संपादक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ तपन कुमार शांडिल्य है और संपादक के तौर पर डॉ मृत्युंजय कुमार है। यह पुस्तक शिक्षा सागर, आगरा के द्वारा प्रकाशित और वितरित की गई है। मौके पर इसके प्रकाशक राघवेंद्र शर्मा और नरेंद्र उपाध्याय भी मौजूद थे। यह जानकारी पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *