
राँची : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के सभागार में तीन दिवसीय युवा महोत्सव, स्पंदन के दूसरे दिन की शुरुआत शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य के साथ हुई। इसके तहत 4 शास्त्रीय नृत्य कथक, कुचिपुड़ी और ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किये गए। इसके अलावा झारखण्ड लोक नृत्यों को भी प्रस्तुत किया गया। मौके पर कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य, कुलसचिव डॉ नमिता सिंह मौजूद रहे। इस अवसर पर कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने सभागार में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमेशा याद रखें कि आत्मविश्वास एक दिन में नहीं आता। इसके लिए हमें छोटी-छोटी सफलताओं पर ध्यान देना होगा और हर असफलता से सीखना होगा। जब भी किसी काम में असफल हों, तो खुद को निराश न करें, बल्कि अपनी गलतियों से सीखकर फिर से कोशिश करें। यह सारी बातें इस युवा महोत्सव के लिए कॉफी प्रासंगिक है क्योंकि यहां हार और जीत को आप जीवन के नजरिए से समझने की कोशिश करें और आत्मविश्वास की ताकत को अपने अंदर आत्मसात कर अपने सपनों को पूरा करें। इस अवसर पर पद्मश्री से सम्मानित मधु मंसुरी हंसमुख ने भी प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
आज पूर्वाह्न आयोजित क्विज प्रतियोगिता का अंतिम चरण हुआ जिसमें 11 प्रतिभागी अंतिम तौर पर चयनित हुए। डिबेट प्रतियोगिता में 41 प्रतिभागियों ने वैश्वीकरण, विकासशील देशों लिए लाभकारी है या नहीं , विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। स्पॉट फोटोग्राफी के तहत थीम था, छाया और प्रतिबिंब। इस प्रतियोगिता में 8 प्रतिभागियों ने अपनी हिस्सेदारी दर्शाई । क्ले मॉडलिंग में 22 प्रतिभागियों ने और कोलाज के अंतर्गत बर्ड्स एंड फ्लावर्स थीम के तहत 9 प्रतिभागियों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। कार्टूनिंग प्रतियोगिता के तहत आधुनिक जीवन पर आधारित थीम पर 12 प्रतिभागियों ने भाग लिया। आज संचालित प्रतियोगिताओं में क्विज, डिबेट, स्पॉट फोटोग्राफी, क्ले मॉडलिंग, कोलाज और कार्टूनिंग तथा नृत्य प्रतियोगिताओं का संचालन डॉ शुचि संतोष बरवार, डॉ अभय सागर मिंज, डॉ रजनी कुमारी, डॉ अभय कृष्ण सिंह, डॉ धनंजय द्विवेदी, डॉ रीना नंद, डॉ पीयूष बाला, डॉ शमा सोनाली, धर्मजय कुमार, श्वेता कुमारी, डॉ मनीषा , डॉ जीसी बास्की के द्वारा संचालित किए गए। यह जानकारी।पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी।