खूँटी / सिमडेगा । देश भर में रैगिंग और बाल्य प्रताड़ना पर कानून सख्त है लेकिन पढ़े लिखे जगहों में भी कभी कभी ऐसा मामला आ जाता है। जिसमें से एक मामला सिमडेगा जिला का है। जो कि विगत 12जुलाई सुक्रवार को संत जेवियर विद्यालय, तुमडेगी के गणित शिक्षक द्वारा बच्चों को घुटनों के बल चलवाया गया था। जिससे बच्चे घायल हो ही गये पर इससे पूरा परिवार आहत में है। जो कि सिमडेगा में किशोर न्याय अधिनियम सिस्टम का मकड़जाल में फँसकर तड़प रहा है।
खूँटी जुबेनाईल जस्टिस बोर्ड के मेम्बर सुजीत गोस्वामी ने बताया कि सिमडेगा जिला के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर उच्च विद्यालय के सातवीं कक्षा के छात्रों को गणित शिक्षक के द्वारा घुटनों के बल पर चलाया गया। छात्रों का गलती सिर्फ इतना था कि वह गणित का फॉर्मूला नहीं बता पाए थे। सजा के तौर पर गणित शिक्षक ने बच्चों को घुटनों के बल पर कंकर पत्थर से भरा रास्ते में घुटनों के बल पर चलने का फरमान सुना दिया। परिणाम स्वरूप बच्चों के घुटने घाव से लहूलुहान हो गया। बच्चों के अभिभावक थाना का चक्कर काट रहे हैं लेकिन किसी अज्ञात कारणों से थाना में प्राथमिकी दर्ज नहीं किया जा रहा है। जबकि यह मामला किशोर न्याय अधिनियम ( बालकों के संरक्षण एवं देखरेख)2015, धारा 75 के तहत दंडनीय अपराध है। इस संबंध में सुजीत गोस्वामी ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तथा सिमडेगा जिला के उपायुक्त महोदय को x मंच पर ट्वीट कर संज्ञान में लाया गया है।
सिमडेगा जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सुमित्रा बड़ाइक ने बताया कि उक्त शिक्षक थियोडोर लकड़ा का वेतन रोकने का आदेश अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा दे दिया गया है। और आगे कि कार्रवाई करने के लिए निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त आरोपी शिक्षक का इस प्रकार का पहले भी ऐसा अभद्रपूर्ण मामला पर विवादित रहा है। ऐसे शिक्षक पर कार्रवाई होना आवश्यक है। उक्त विद्यालय के शिक्षक के द्वारा किया गया कुकृत्य पर रिगड़ी गाँव के ग्रामीण काफी नाराज हैं तथा ऐसे में अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से डर रहे हैं। कहीं उनके बच्चों के साथ भी ऐसा न हो जाए।