योजना में अनियमितता और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई : चम्पाई


बिभा संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने बुधवार को विभागवार योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अलग-अलग विभागों के सचिवों के साथ बैठक की और योजनाओं की जानकारी ली। इस दौरान मुख्य रूप से अबुआ आवास योजना, सीएम स्कूल आफ एक्सीलेंस, भवन निमार्ण विभाग, भू-राजस्व विभाग, म्यूटेशन और सुओ मोटो म्युटेशन मामलों, स्वच्छ भारत मिशन सहित अन्य विभागों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने अबुआ आवास योजना के तहत पहले चरण में स्वीकृत किए गए दो लाख आवास और इसकी पहली किस्त की राशि जारी होने के उपरांत आवास निर्माण के प्रगति की जानकारी ली और इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना के लाभुक गरीब और जरूरतमंद होते हैं। ऐसे में न्यूनतम दर पर उन्हें आवास निर्माण के लिए बालू जैसी निर्माण सामग्री उपलब्ध कराने की पहल करें।
चम्पाई ने कहा कि लाभुकों के चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। साथ ही जिन्हें अबुआ आवास आवंटित हो चुका है और उनका पहला चरण का कार्य संतोषजनक है तो उन्हें दूसरी किस्त की राशि जारी करें। योजना में अनियमिता और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग की समीक्षा में दिए निर्देश
-आने वाले समय में सभी प्रखंड में सीएम स्कूल आॅफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे।
-सभी स्कूल आॅफ एक्सीलेंस में रेगुलर टीचर की नियुक्ति करें।
-राज्य में संचालित सभी सीएम स्कूल आॅफ एक्सीलेंस में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई सुनिश्चित करें।
-सीएम स्कूल आॅफ एक्सीलेंस विद्यालयों में 100 फीसदी रिजल्ट हो। इसके लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जायें।
-शिक्षा में किसी भी प्रकार से कोताही नहीं बरते अधिकारी।
-सीएम स्कूल आॅफ एक्सीलेंस राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। विद्यार्थियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत दर्ज हो, यह सुनिश्चित करें अधिकारी।
-10वीं और 12वीं वर्ग की परीक्षाओं में विद्यार्थियों का प्रदर्शन बेहतर हो, इस पर काम करें।
-जिलों के उपायुक्त सीएम स्कूल आफ एक्सीलेंस में मिल रही सभी सुविधाओं का निरंतर मॉनिटरिंग करें।वर्तमान में संचालित 80 सीएम स्कूल आॅफ एक्सीलेंस को बेहतर निजी विद्यालयों के अनुरूप अपग्रेड करें।
भू राजस्व विभाग की समीक्षा में दिए निर्देश
-म्यूटेशन तय समय सीमा के अंदर हो, इसे सुनिश्चित करें। म्यूटेशन के मामले बिना किसी वजह से लंबित नहीं रहने चाहिए।
-अंचल आॅफिस में म्यूटेशन के कई मामले बिना किसी आब्जेक्शन के काफी समय तक लंबित रहता है।म्यूटेशन केसेज का ना तो निष्पादन होता है और ना ही रिजेक्ट किया जाता है। इसकी जांच हो।
-हजारीबाग, रांची, गिरिडीह और पलामू के कई अंचलों में म्यूटेशन के मामलों के निष्पादन की प्रक्रिया काफी खराब है. ऐसे में इन जिलों के खराब परफॉर्म करने वाले अंचलों को चिन्हित कर वहां के अंचल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव भेजें।
-सभी डीसी अपने जिले के अंतर्गत आने वाले उन अंचलों को चिन्हित करें, जहां बिना किसी वजह के म्यूटेशन के मामले 90 दिनों से ज्यादा समय से लंबित हैं, उन्हें शो-कॉज जारी करें और कार्रवाई का प्रस्ताव भेजें।
-राज्य के कई इलाकों में जमीन की गलत तरीके से खरीद-बिक्री के मामले सामने आ रहे हैं। इसपर हर हाल में रोक लगे। इसमें जो भी दोषी हो, उनके खिलाफ कार्रवाई हो।
-सभी डीसी अपने जिलों के अंतर्गत आने वाले अंचलों का नियमित निरीक्षण करें और वहां म्यूटेशन के मामलों की समीक्षा करें। जमीन से संबंधित दस्तावेजों का भी वेरिफिकेशन करें।
-पाकुड़, गढ़वा, चतरा, रामगढ़ जिला सहित वैसे सभी जिले जहां डीएमएफटी की राशि का खर्च कम हुआ है उन जिलों के उपायुक्त डीएमएफटी फंड की राशि का खर्च बढ़ाएं, जो स्कीम जिलों में डीएमएफटी फंड से लिए गए हैं उनके कार्यों में तेजी लाएं।
स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा में दिए निर्देश
-राज्य सरकार के अबुआ आवास योजना से शौचालय निर्माण योजना को जोड़ें। जो अबुआ आवास स्वीकृत हो चुके हैं वहां इस योजना के तहत शौचालय निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू हो।
-राज्य के जिन गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है उन गांवों को और बेहतर तथा अन्य सुविधाएं देने की पहल करें।
-राज्य के सभी पंचायतों में 10 ड्रील नलकूपों का लक्ष्य निर्धारित है लेकिन वर्तमान समय में जल का स्तर काफी नीचे चला गया है। ऐसे में नलकूप लगाने के लिए ड्रीलिंग का काम तब तक किया जाए जब तक जल स्तर नहीं मिल जाए। इसका ध्यान जरूर रखें वरना चापाकल लगाने की योजना बेकार हो जाएगी।
-वैसे आंगनबाड़ी केंद्र जो अब तक नल जल से आच्छादित नहीं हैं, वहां जल जीवन मिशन के तहत जल्द से जल्द नल जल की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

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