संतों पर बोलकर फंसीं ममता, कोलकाता की सड़कों पर 500 से अधिक साधु संतों ने नंगे पैर किया मार्च

कोलकाता। भारत सेवा आश्रम, रामकृष्ण मिशन और इस्कॉन के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार शाम कोलकाता की सड़कों पर सैकड़ो साधु संत उतरे।

भारत सेवा आश्रम के संन्यासी स्वामी प्रदीप्तानंद उर्फ कार्तिक महाराज के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों से जुड़े संतों और संन्यासियों ने नंगे पैर कोलकाता की सड़कों पर मार्च किया। इस पदयात्रा की शुरुआत बाग बाजार के प्रसिद्ध मां शारदा के पूर्व निवास मायेर बाड़ी के पास स्थित सिस्टर निवेदिता पार्क से हुई और स्वामी विवेकानंद सर्किट होते हुए विधान सरणी में स्वामी विवेकानंद के पैतृक आवास के पास संपन्न हुई।

इस दौरान कार्तिक महाराज ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू धर्म खतरे में हैं। इसकी वजह है कि यहां राज्य सरकार की मुखिया खुद हिंदू साधु संतों पर चोट कर रही हैं, जिसकी वजह से पुलिस और पुलिस के संरक्षण में विधर्मी तत्व हिंदू संन्यासियों पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने पिछले साल गंगासागर आए साधु संतों पर हमले का जिक्र करते हुए कहा कि बंगाल में हिंदू साधु संतों पर हमले की हिम्मत देने वाला कोई और नहीं सीधे तौर पर ममता बनर्जी हैं। इस वजह से यहां हिंदू खतरे में हैं।

उन्होंने उत्तर बंगाल में रामकृष्ण मिशन के आश्रम में हमले और पुलिस की ओर से संन्यासियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करने पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि 500 से अधिक साधु संत आज कोलकाता की सड़कों पर नंगे पैर पदयात्रा कर रहे हैं। इनका एक ही प्रण है कि राज्य में हिंदू विरोधी सरकार को सबक सिखाना है।

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